लेखनी कहानी -18-Nov-2023
........बिन सहारे.......
वक्त को भूलकर जो बढ़ जाते हैं आगे
वक्त उनका पीछा छोड़ता नही कभी
वक्त के साथ चलना जरूरी तो है,मगर
वक्त से बेवफाई भी चलती नही कभी
यह न समझिए की वक्त आपका ही है
आप मालिक नही हैं वक्त के
वक्त भी चलता है औरों की मदद से
वक्त बदलने मे वक्त को भी वक्त नहीं लगता
कर सकते हो बदनाम ,दबा सकते हो
समर्थ हो यदि तो कुछ भी कर सकते हो
मगर,दिन रात को नही बदल सकते
सिर्फ देख सकते हो बदलते वक्त को
समय और किसी के एहसान को
कभी खरीदा नही जा सकता
गिरा तो सकते हो तुम किसी को भी
बिन सहारे मगर कभी उठ नही पाओगे
..........................
मोहन तिवारी,मुंबई
Gunjan Kamal
22-Nov-2023 06:08 PM
👏🏻👌
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Babita patel
19-Nov-2023 10:07 AM
👌
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